5 Essential Elements For Shodashi

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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

When Lord Shiva listened to with regards to the demise of his wife, he couldn’t Handle his anger, and he beheaded Sati’s father. Nevertheless, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s daily life and bestowed him having a goat’s head.

This mantra retains the power to elevate the intellect, purify ideas, and link devotees to their greater selves. Listed here are the comprehensive great things about chanting the Mahavidya Shodashi Mantra.

हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां

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Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and is connected to the supreme cosmic electric power.

These gatherings are not merely about personal spirituality but additionally about reinforcing the communal bonds by shared encounters.

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यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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